#शीर्षक-ये हसीं शाम ये हसीं शाम में कुछ बात याद आई। तेरी ही तो परछाई थी माँ ,जिसने याद दिलाई। तूने मुझे सब कुछ दिया, आखिर कैसे भूल पाता माँ। तेरे चरणों में शीश नावा कर ,सुकून बहोत आता माँ। तू है भोली ममता मई, तेरा कर्ज कैसे चुकाऊँ मैं। मैं ठहरा लाल तेरा ,ये रिश्ता कैसे भूल पाऊँ मैं। मेरी मैंय्या तू ही बता दे, तेरे सिवा कौन है मेरा। तूने ही लाया है मैंय्या ,मेरे जीवन में सवेरा। तेरा उपकार मैं ना भूल पाऊ, ऐसा तेरा नाता मुझसे। नही है दुनिया में रखवाला, माँ बड़कर तुझसे, मेरी माँ बड़कर तुझसे। #प्रीतम कुमार✍️ ©Pritam sidar Rock #शीर्षक-ये हसीं शाम। #प्रीतम कुमार✍️ #colours Avin Dsouza