Nojoto: Largest Storytelling Platform

जागो ऐसी भी क्या हो गई बात,समय से पहले हो गई रात

जागो
ऐसी भी क्या हो गई बात,समय से पहले हो गई रात 
किसने यह चक्रव्यूह रचाया,और किया है भीतरघात 
जीवन जोश अभी शेष है,जागो जागो अभी ना सोना 
 बहुमूल्य यह जीवन है,प्रियतम ! इसे व्यर्थ ना खोना
फिर ऐसी क्या नाराजी हुई,जाने की जल्दबाजी हुई
पहले वाली हँसी खो गई,समय पूर्व  तरुणाई सो गई  
ऐसी घुटन मे रहना नीरस ,इसे ना बनने दो हवालात
बंद करो प्रिय,हारी बातें,हँसो! हसीन बने मुलाकात
पुष्पेन्द्र "पंकज"

©Pushpendra Pankaj
  जागो-जागो ! अभी ना सोना

जागो-जागो ! अभी ना सोना #कविता

619 Views