कान लगाओ यहाँ तो दीवारें गूँजतें हैं... इक दीवार से सटके दूसरे की नींव पड़ते है.. यहाँ चीखें दब जाती हैं यहाँ सन्नाटे गूंजते हैं... यहाँ हथेलियों पे शामें रखते हैं, यहाँ सूरज देर से उगते हैं... #citylife #shahar #nojotopoetry #aapkaajeejaniket