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मर्यादाओं का ये दौर नहीं है, शब्दों पर कुछ गौर नह

मर्यादाओं का ये दौर नहीं है, 
शब्दों पर कुछ गौर नहीं है 
अमर्यादित भाषाएं है, 
समझो अपना इसे ही, 
चारा अब कुछ और नहीं है..!

- Vivek Sharma Bhardwaj #मर्यादा #दौर #भाषाएं #पहलू
मर्यादाओं का ये दौर नहीं है, 
शब्दों पर कुछ गौर नहीं है 
अमर्यादित भाषाएं है, 
समझो अपना इसे ही, 
चारा अब कुछ और नहीं है..!

- Vivek Sharma Bhardwaj #मर्यादा #दौर #भाषाएं #पहलू