ओस की बूंद💧सा शामिल होना था उसे शाम की धूप सा शामिल होना था उसे मेरी ज़िंदगी में हक़ीक़त जानकर भी अंजान बने रहना था उसे मेरी ज़िंदगी में पर वो बून्द था पानी कि तो धूप से परेशान होना था उसे©अरुणाkp® #Hope #मेरी_ज़िन्दगी_में