याद है मुझको तूने कहा था जब मुशिबत अपने मे जकडती है उस समय अपनो का साथ और रविया बदलता सा नजर आता है क्योकि वही वो पल है जिसमे इनशान अकेला खड़ा नजर आत् है नरपत कुमार