आप मनाते रहिए खुशियां और देते रहिये आहुतियां इंसानों की मज़हब के नाम पर आखिर कई वर्षों पूर्व इंसानों ने ही रखी थी नींव मज़हब की इंसानियत को लुप्त होने से बचाने के लिए लेकिन मुट्ठी भर लोगों ने इस नींव को बना दिया इमारत इमारतों में लगा दी मोहरें मज़हबों की हर मज़हब के नियुक्त कर दिये सौदागर इन सौदागरों ने नियुक्त किए कुछ पैंदे। आज विवश है पैंदे मज़हब के आगे और सौदागर बने पड़े है ठेकेदार भूपेंद्र रावत 15।02।2021 ©Bhupendra Rawat आप मनाते रहिए खुशियां और देते रहिये आहुतियां इंसानों की मज़हब के नाम पर आखिर कई वर्षों पूर्व इंसानों ने ही रखी थी नींव मज़हब की इंसानियत को लुप्त होने से बचाने के लिए लेकिन मुट्ठी भर लोगों ने