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गाँव की सुबह की महक की बात अलग सी होती हैं गाँव की

गाँव की सुबह की महक की बात अलग सी होती हैं
गाँव की रात की चहक की बात अलग सी होती हैं

गाँव में आते जाते सफ़र पे मोड़ों पे चौराहा पे 
छोटी बड़ी  दुकानों की वो बात अलग सी होती हैं

गाँव के खेत खलियान नदियाँ तालाब खाली 
सड़के पेड़ पौधें इन सब की बात अलग सी होती हैं

गाँव मे लड़को का लड़किया का साइकिल से स्कूल आना 
जाना सब लोगों की भाषा की बात अलग सी होती हैं! 

गाँव के ये हरे भरे बड़े बड़े जंगल ये बड़े बड़े 
कई सारे पेड़ पौधे बाग बगीचा की बात अलग सी होती है! 

गाँव में सबके यहां कोई प्रसिद्ध मंदीर होता है उन मंदीर की 
पास एक बाजार होता है उनकी बात अलग सी होती हैं! 

गाँव में नदीयों तालाब पोखरे ट्यूबवेल हैंड पंप 
नल से नहाने की इन सब की बात अलग सी होती हैं! 

गाँव में गेहूँ धान सब्जी और कई चीज़ों का सब कुछ
उगाना काटना इन सब की बात अलग सी होती है 

गाँव मे सुबह शाम गाय भैस का और जानवरों का दूध निकालना
 और चारा खिलाना इन सब की बात अलग सी होती है! 

गाँव में पुरानें खपरैल घर की और चूलें पे खाना बनाना और
पीतल के बर्तन में खाना पीना इन सब की बात अलग सी होती है

गाँव मे सुबह ताजी ताजी शुद्ध हवा और रात मे टिमटिमाते
खूब सारे तारें आसमां मे इन सब की बात अलग सी होती है

गाँव में त्योहारों का आना खुशीयों का कहां ठिकाना और मेलों का
 लगना बच्चों का खुश हो जाना इन सब की बात अलग सी होतीं हैं

गाँव में तेज गर्मीयों में पेड़ के पास जाकर बैठ जाना जादा सर्दियों में
कण्डा लकड़ियों का जलाना इन सब की अलग सी होती हैं! 

गाँव मे खेत में से पेड़ पे चड़कर तोड़कर फल का सब्जी 
का खाना और  इन सब की बात अलग सी होती हैं! 

गाँव में भूतों की कहानियों पता चलना और डर
 जाना इन सब की बात अलग सी होती है! 

गाँव में हर एक एक गाँव की और बहुत बहुत से
 चीज़ों चीज़ों की बात बात अलग सी होती हैं!

©abhishek sharma #MoonHiding 
#ghazal 
#Poetry 
#Poet 
#Quotes
#thought 
#poem 
#village
गाँव की सुबह की महक की बात अलग सी होती हैं
गाँव की रात की चहक की बात अलग सी होती हैं

गाँव में आते जाते सफ़र पे मोड़ों पे चौराहा पे 
छोटी बड़ी  दुकानों की वो बात अलग सी होती हैं

गाँव के खेत खलियान नदियाँ तालाब खाली 
सड़के पेड़ पौधें इन सब की बात अलग सी होती हैं

गाँव मे लड़को का लड़किया का साइकिल से स्कूल आना 
जाना सब लोगों की भाषा की बात अलग सी होती हैं! 

गाँव के ये हरे भरे बड़े बड़े जंगल ये बड़े बड़े 
कई सारे पेड़ पौधे बाग बगीचा की बात अलग सी होती है! 

गाँव में सबके यहां कोई प्रसिद्ध मंदीर होता है उन मंदीर की 
पास एक बाजार होता है उनकी बात अलग सी होती हैं! 

गाँव में नदीयों तालाब पोखरे ट्यूबवेल हैंड पंप 
नल से नहाने की इन सब की बात अलग सी होती हैं! 

गाँव में गेहूँ धान सब्जी और कई चीज़ों का सब कुछ
उगाना काटना इन सब की बात अलग सी होती है 

गाँव मे सुबह शाम गाय भैस का और जानवरों का दूध निकालना
 और चारा खिलाना इन सब की बात अलग सी होती है! 

गाँव में पुरानें खपरैल घर की और चूलें पे खाना बनाना और
पीतल के बर्तन में खाना पीना इन सब की बात अलग सी होती है

गाँव मे सुबह ताजी ताजी शुद्ध हवा और रात मे टिमटिमाते
खूब सारे तारें आसमां मे इन सब की बात अलग सी होती है

गाँव में त्योहारों का आना खुशीयों का कहां ठिकाना और मेलों का
 लगना बच्चों का खुश हो जाना इन सब की बात अलग सी होतीं हैं

गाँव में तेज गर्मीयों में पेड़ के पास जाकर बैठ जाना जादा सर्दियों में
कण्डा लकड़ियों का जलाना इन सब की अलग सी होती हैं! 

गाँव मे खेत में से पेड़ पे चड़कर तोड़कर फल का सब्जी 
का खाना और  इन सब की बात अलग सी होती हैं! 

गाँव में भूतों की कहानियों पता चलना और डर
 जाना इन सब की बात अलग सी होती है! 

गाँव में हर एक एक गाँव की और बहुत बहुत से
 चीज़ों चीज़ों की बात बात अलग सी होती हैं!

©abhishek sharma #MoonHiding 
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