बड़ा अजीब है ना साहिब..... सबसे बड़े को अपनी खुशियां, अपनी ख्वाहिश कुर्बान करनी पड़ती है....अपने घर वालों के लिए.... और सबसे छोटे को घर वालों के ख़्वाब, उनकी ख्वाहिशों का बोझ उठाकर सब कुछ पूरा करना होता है......अपने घर वालों के लिए.... Ias Guideline #kabhi_waqt_mile_toh