ग़म न कर कौन साथ है या किसका साथ छूटा, न सूरज, न चंदा, न धरती, न तारे, न ही कमल, न दरिया, रुकती है किसी के आवागमन के लिए, खामखां गिनतियों से दिल छोटा न कर, बस चलता रह तू, मालिक की मर्ज़ी की तरह।। #कर्तव्य #जिंदगी_का_सफर #yqdidi