आज मेरी रूह से भी उतर गया वो सक्स जो कभी बातें किया करता था उम्र भर साथ निभाने की! यहां सब खैरियत नहीं हैसियत पूछते है अरे यही तो है फितरत जमाने की! मैने भी गलती की थी उसे दुनियां से अलग समझने की! पर वो दुनियाँ के जैसा ही तो था उसकी नजर में सब कुछ पैसा ही तो था! वो चाहती थी खरीदना मेरे जज्बातों को दुकान समझ किरयाने की! यहां सब खैरियत नहीं हैसियत पूछते है अरे यही तो है फितरत जमानें की!! ©DK BABA513 वो चाहती थी खरीदना जज्बातों को 🙏💔🙏 #AloneInCity #dkbaba513💔