खामोशियाँ अक्सर बैचेन कर जाती हैं,!! तन्हा हो गर अकेले में बातें कर जाती हैं,!! वो हसीन गुजरे लम्हें वो हसीन यादें तेरी,!! उन्हीं को याद कर मुझे तेरी याद आती हैं,!! हर-पल एक अक्स सा छुपा है मैरी धड़कन में,!! तेरी बाते मैरी आँखों को हर-पल रुलाती है,!! तेरे साथ जो बिताए वो नायाब दिन थे मेरे,!! उन्हीं बिसरे हुए दिनों की याद हमे तड़पाती है,!! रैन,गई चैन गया आँखो से ओझल हुई नींदें मैरी,!! अब गहरी नींद में सुला दे या सामने अाजा मेरे,!! उलझने ए जिन्दगी ©Ankur Raaz खामोशियाँ अक्सर बैचेन कर जाती हैं,!! तन्हा हो गर अकेले में बातें कर जाती हैं,!! वो हसीन गुजरे लम्हें वो हसीन यादें तेरी,!! उन्हीं को याद कर मुझे तेरी याद आती हैं,!! हर-पल एक अक्स सा छुपा है मैरी धड़कन में,!! तेरी बाते मैरी आँखों को हर-पल रुलाती है,!!