ख्यालों में खोकर उनके,हम सो गए, सुबह जब आंख खुली तो गजब देखा, वो देखो किसी और के ख्वाब हो गए, कितनी मोहब्बत थी उनसे हमे दरिया बनी आंखें गवाह हैं, अब गैरों से कैसा गिला,शिकवा हम तो अपनों से तबाह हैं, हमने सुनाई गजल गैरों की महफ़िल में, जिनसे कभी अदावत थी, वहां वाह वाह हो गए,, ©Rajesh rajak ख्वाबों की दुनिया