बेटी पढाओ बेटी बचाओ पर ये नारा भूल जाओ जब आयोगे उनाओ गाव सरकार तुम्हारी पोलीस तुम्हारी बेटी की जिंदगी बरबाद कर दि अब है खंडण की बारी बाप को मारा, मा बनी जिंदा लाश न्याय व्यवस्था का आज हो गया पर्दाफाश ना रेपिस्ट जेल मे ना खुनी को सजा पीडित की जिंदगी बरबाद गुन्हेगार कर राहा है मजा ये किस तरह का नारा है सरकार के हि मिनिस्टर को ना गावरा है आज उन्नाव नाही देश की है हार कानून आज अंधा, और बे बस हो गया यार