सुसज्जा शब्द की, भावों की मेरी प्रीत की है । मेरी कविताओं में, बसते किसी मनमीत की है ।। तपस्या व्यक्त की, वाणी की हृद के गीत की है । मेरी कणिकाओं में, धृत रश्मि परम् पुनीत की है ।। #तुम्हारेलिए #शब्द #प्रेमपुष्प #yqdidi #yqhindi #कविता #हमारीतरह #अनन्त