कुण्डलियां लेटे लेटे थक गई,करना है कुछ काम। बिस्तर मेरा कह रहा, और करो आराम। और करो आराम, नहीं मन जब तक भरता। तन को मत दो कष्ट, भुगतना इसको पड़ता।। कर लो जी आराम, ख्वाब को सभी समेटे। घूमो चारों धाम, यहीं पर लेटे लेटे।। अर्चना झा ✍️ ©Archana Jha #christmascelebration