आज एक बात तो बताओ मुझे ज़िन्दगी ख्वाब क्यो दिखाती है क्या सितम है कि अब तेरी सूरत गौर करने पर याद आती है कौन इस घर की देख भाल करे रोज़ एक चीज़ टूट जाती है *jaun Elia* jaun Elia shayari