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रात अंधेरी हैं बहुत, ना जाने क्यो... रोशनी की एक भ

रात अंधेरी हैं बहुत, ना जाने क्यो...
रोशनी की एक भी उम्मीद नज़र नही आती हैं।।
या तो बादल छाए है बहुत घने...
या फिर चांद के दिल मे भी रुशवाई नज़र आती हैं।।

©gumnaam_writer011 #Andheriraat
रात अंधेरी हैं बहुत, ना जाने क्यो...
रोशनी की एक भी उम्मीद नज़र नही आती हैं।।
या तो बादल छाए है बहुत घने...
या फिर चांद के दिल मे भी रुशवाई नज़र आती हैं।।

©gumnaam_writer011 #Andheriraat