तुमसे दूर जाता हूँ मेरा दिल तड़पता है! तुम्हारी पायल की खनक कानों में संगीत घोलती है! तुम्हारे कंगन की खनक से तन_मन में शोला सा भड़कता है! ये जो चाँद का टुकड़ा बिंदिया के रूप में, लगाती हो माथे पर अपने इसमें मेरा दिल धड़कता है ©Deepak Kumar 'Deep' #Bindiya