जाते हुए मैंने कहा था कि लौट आना 'लौट आना ' ये विदाई के शब्द नहीं थे इनमें मैंने बांध कर रखी थी ' उम्मीद' उम्मीद की गठरी अभी भी लटक रही है तुम्हारे आँचल से, पर वक्त के साथ ढीली पड़ती रही है गांठ, सुनो उम्मीदों के बिखरने से पहले लौट आना...! #लौटआना #प्रेम #प्रेम_पर_चिंतन #yqbaba #yqhindi #abhaybhadouriya