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मयूर सिंहासन सत्य का धारण कराए ताज।। निश्चल मन से

मयूर सिंहासन सत्य का धारण कराए ताज।।
निश्चल मन से सेवा भाव करावे  हृदय राज।।
आनंदित रहो हर हाल ईश्वर कृपा से मिला।।
ना रखो मन में कोई मलाल ना कोई गिला।।
सब्र  चशीदा चख होगा  हर्ष  से सना हुआ।‌।
मुश्किल  समय  में धैर्य रखो रहो यकसान ।।
रखो ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा ना हो हैजान।।
अब की अब जब की जब उदासी होगी पस्पाई,
खुशियां दरवाज़े  दस्तक  देंगे अपना शनासाई।। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_206 

👉 अब की अब, जब की जब के साथ लोकोक्ति का अर्थ --- सदा वर्तमान की ही चिन्ता करनी चाहिए। 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।
मयूर सिंहासन सत्य का धारण कराए ताज।।
निश्चल मन से सेवा भाव करावे  हृदय राज।।
आनंदित रहो हर हाल ईश्वर कृपा से मिला।।
ना रखो मन में कोई मलाल ना कोई गिला।।
सब्र  चशीदा चख होगा  हर्ष  से सना हुआ।‌।
मुश्किल  समय  में धैर्य रखो रहो यकसान ।।
रखो ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा ना हो हैजान।।
अब की अब जब की जब उदासी होगी पस्पाई,
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mrsrosysumbriade8729

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