कुछ पंक्तियाँ मैं कि जैसे राह में बिखरा हुआ कोई था कंकड तुमने मुझको चुन लिया यह तेरा अहसान था फूल शबनम, चांद तारे और यह टूटा हुआ दिल ये फखत दौलत थी मेरी ये चंद सामान था तू कि जैसे ख्वाब बनके ख्वाबों सी फिर खो गई बस तुम्हारी चाहतों का मैं चंद दिन मेहमान था मिल के बिछुडना हंस के रोना खो के पाना, पा के खोना ये झोल झाल है दुनिया के मैं समझ न पाया दुनिया को, बस जरा नादान था Ajeet Singh charan 9462682915 मैं और तुम