बदली बदली सी जमाने की फिजा लगती है रात भी आज की रातों से जुदा लगती है,, भीगी भीगी सी जो आती है मेरी खिड़की से मुझको तो ये तेरी यादों की हवा लगती है,, रोज़ में इक नए तूफान को सर करता हूँ देखिये किस की मुझे आज दुआ लगती है,, लोग कहते हैं कि वो इक आम सी सूरत है मुझको तो सारे ज़माने से जुदा लगती है,, जहर भी दे तो मैं पी जाऊं तसल्ली से उसे तेरे हाथों से हर चीज दवा लगती है,, ©Himanshu Gupta #भीगी_भीगी_सी_जो_आती_है_मेरी_खिड़की_से,, Anita Sahani kumari rani singh Atul Rawat baba minii.... Ruhi