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बाप ओर बेटियाँ बेटी के ग़म को खुद ही पहचान लेता है

बाप ओर बेटियाँ

बेटी के ग़म को खुद ही पहचान लेता है
वोह बाप है हर बात खुद ही बस जान लेता है,

हो जाएं सब खिलाफ तब भी साथ देता है
अपनी दुलारी की हँसी से वोह साँस लेता है,

बेटी की हर इक बात से रहता है बा खबर
कोई बात देर से सही पर मान लेता है,

ग़ुरबत हो या फ़कीरी या हो कोई वजह 
हर हाल मैं बेटी को अपनी पाल लेता है,

बेटी को अपनी जाँ से करता बहुत है प्यार
नाराज़गी को हँसी मैं अपनी ढाल लेता है। #Baap#Beti#walid#ghazal#love#Family
बाप ओर बेटियाँ

बेटी के ग़म को खुद ही पहचान लेता है
वोह बाप है हर बात खुद ही बस जान लेता है,

हो जाएं सब खिलाफ तब भी साथ देता है
अपनी दुलारी की हँसी से वोह साँस लेता है,

बेटी की हर इक बात से रहता है बा खबर
कोई बात देर से सही पर मान लेता है,

ग़ुरबत हो या फ़कीरी या हो कोई वजह 
हर हाल मैं बेटी को अपनी पाल लेता है,

बेटी को अपनी जाँ से करता बहुत है प्यार
नाराज़गी को हँसी मैं अपनी ढाल लेता है। #Baap#Beti#walid#ghazal#love#Family