मुश्किल घड़ी और दोस्त ए मेरे दोस्त, मेरे जाने के बाद, आंसू न बहाना क्योंकि जब पोंछने के लिए मेरे हाथ नहीं होंगे। कदम सभांलकर रखना इस बेरहम दुनियां में, क्योंकि जब हम तेरे साथ नहीं होंगे।। समस्त यारो को समर्पित कवि रामदास गुर्जर #दोस्त # # #विभूतिगोण्डवी #suman #Deep #Shikha