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मन मनु है जोड़ रहा मानवता है होड़ रहा कृति धवल सज रह

मन मनु है जोड़ रहा
मानवता है होड़ रहा
कृति धवल सज रही
श्वांस धुन है बज रही तन  दीपक  साँसें  बाती  हैं,
आज  प्रखर  चलती  आँधी है।
कहीं  जला  कहीं  बुझ  रहा,
साँसों  का  संगीत  बज  रहा।।
💕💕💕💕💕💕💕💕💕

घुमड़ - घुमड़  जाते हैं  बादल,
नहीं  समस्या  का  कोई  हल।
मन मनु है जोड़ रहा
मानवता है होड़ रहा
कृति धवल सज रही
श्वांस धुन है बज रही तन  दीपक  साँसें  बाती  हैं,
आज  प्रखर  चलती  आँधी है।
कहीं  जला  कहीं  बुझ  रहा,
साँसों  का  संगीत  बज  रहा।।
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घुमड़ - घुमड़  जाते हैं  बादल,
नहीं  समस्या  का  कोई  हल।