बदसलूकी मुझे मेरी ही कश्ती की खामियां गिनाते हो तुम भटकाने की मुझे यूँ कोशिश किए जाते हो तुम, खुद अपनी बदसलूकी की सारी सीमाएं लाँघकर, मुझसे भला किस तमीज की आस लगाते हो तुम..! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength मुझसे और क्या आस लगाते हो...? . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment