बेटी की अभिलाषा --------------------- यह सब मुझे अ

बेटी की अभिलाषा
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यह सब मुझे अपना बताते हैं 
तारीफों के पुल बांधते हैं 
संस्कारों का ताज पहनाते हैं
 सब अपना अपना हक जताते हैं 
सब अपनी अपनी सुनाते हैं 
अपने मन की कर आते हैं 
और बड़े लाड से पालते हैं 
इसे बेटी का नाम बताते हैं
 बेटी का काम बताते हैं 
और उसे अपना बताते हैं


...
..
अब बस  हक भी दिखाने का मौका तो दो ना
 समाज की जंजीरों को तोड़ो
 मेरे पिजड़े को  खोलो ना 
सूरज के सोने से पहले ,
आपकी ताज के साथ
आ जाऊंगी 
मुझे उडने  का मौका दो ना
 अब मुझे मेरा हक तो दो ना ।।

©.
  #बेटीकीअभिलाषा
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