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हर रोज वो बदल रहा. हर रोज वो, एक नया चेहरा ओढ़े नकल

हर रोज वो बदल रहा.
हर रोज वो,
एक नया चेहरा ओढ़े
नकली आवरण के साथ....
खुद को सँवारता....
आईने चुप है आज..... अंश की कलम से
हर रोज वो बदल रहा.
हर रोज वो,
एक नया चेहरा ओढ़े
नकली आवरण के साथ....
खुद को सँवारता....
आईने चुप है आज..... अंश की कलम से