जुबाँ है खामोश तो क्या, आँखे बोल दिया करती हैं अच्छी साथी वो है, जो निगाहें पढ़ लिया करती है आँसू तब निकलते हैं, जब मायूसी गले लगाती है इंसान जिंदा रहता है, पर खुद्दारी मर जाती है आँखे सवाल करती है, चुप्पी जवाब माँगती है झूठ, सही कुछ बोला करो, वरना दुनिया बेवफा मानती है किसका कितना बाकी है, ये जब जान लिया करते हैं उसकी एक बातों पर भी, हम मान लिया करते हैं कलेजा या जुबान काटने की जरूरत नहीं ये इतने गिरे है कि माँग लिया करते हैं ~बंशी ©Banshi #banshi #Hindi #hindi_poetry #Love #Feeling #urdu #paper