Nojoto: Largest Storytelling Platform

सम्मान हमेशा ज़मीं से उगती है या आसमाँ से आती है,

सम्मान हमेशा  ज़मीं से उगती है या आसमाँ से आती है,
ये बे-इरादा उदासी कहाँ से आती है,

इसे नए दर-ओ-दीवार भी न रोक सके,
वो इक सदा जो पुराने मकाँ से आती है,

बदन की बॉस नसीम-ए-लिबास बू-ए-नफ़स,
कोई महक हो उसी ख़ाक-दाँ से आती है,

दिलों की बर्फ़ पिघलती नहीं है जिसके बग़ैर,
वो आँच एक ग़म-ए-बे-निशाँ से आती है.

©koi tu h Honor .......🍁

#PoetInYou
सम्मान हमेशा  ज़मीं से उगती है या आसमाँ से आती है,
ये बे-इरादा उदासी कहाँ से आती है,

इसे नए दर-ओ-दीवार भी न रोक सके,
वो इक सदा जो पुराने मकाँ से आती है,

बदन की बॉस नसीम-ए-लिबास बू-ए-नफ़स,
कोई महक हो उसी ख़ाक-दाँ से आती है,

दिलों की बर्फ़ पिघलती नहीं है जिसके बग़ैर,
वो आँच एक ग़म-ए-बे-निशाँ से आती है.

©koi tu h Honor .......🍁

#PoetInYou
koituhai7532

koi tu h

New Creator