कहीं ममता, कहीं माया, कहीं काया, कहीं छाया, छाया कुछ भी नहीं सर छाता कह, धूप -सरापा से बचाने को शह, मात ही मात है जीवन में अपने, माता कोई मेरी ममता मेरे सपने, हो भी नाता, रिश्ता रस्ता वो, महंगा बीते पल कुछ सस्ता हो। ©BANDHETIYA OFFICIAL माता की ममता । #navratri