मैं, कीचड़ के बीच कमल की तरह खिलना जानता हूँ ना बुझा तू मुझें, मैं तूफानों में जलने का हुनर जानता हूँ । मैं लोगों की तरह हर रंग में रँगना जानता हूँ ना मिटा तू मुझें, मैं मौसम की तरह बदलने का हुनर जानता हूँ । मैं, जिंदगी की हर मुश्किल राह पर चलना जानता हूँ ना बिछा तू काँटे, मैं काँटो पर चलने का हुनर जानता हूँ । तुम अग़र चलते-चलते, मुझें गिराना जानते हो तो मैं भी, गिरकर संभलने का हुनर जानता हूँ । #nojoto #talvindra_writes #dil #love #night