कुछ सच, कुछ बाते... नाजाने हम कुछ सच जानते है, फिर भी अनजान बनते है कुछ बाते कभी न होगी, फिर भी आस लगाए बैठे है झूठी ही सही पर जिंदगी को कभी खुशी कभी गम दिए है कभी खुद को बहोत अकेला और तनावभरा महसूस किया है आपके साथ जो भी हो रहा वो है जिंदगी के आगे की बात और जो आज तक हो चुका वो है गुजरे हुए पलो की बात जीना है तो सच को न छोड़ना, चाहे हो कितना भी कड़वा झूठी उम्मीद के जरिये कभी खुद को दुःखी मत करना जिंदगी जीना, खुशीयाँ बाँटना, गम को दूर करना यारो ©Parth Vasvani #लब्ज_ए_पार्थ