क्या बताऊँ कैसे-कैसे मंज़र देखे अपनों के हाथों में खंजर देखे उड़ा ले गए सभी खुशियों के घर रिश्तों के शहर बवंडर देखे क्या बताऊँ कैसे-कैसे मंज़र देखे... क्या होता दर्द इस दिल से पूछो ये होंठों की हंसी छलावा है ना करना यकीं इन भोली सूरतों पर नक़ाब हैं, महज़ दिखावा है मुस्कुराती हुई नज़रों में भी छिपे हुए अश्क समंदर देखे क्या बताऊँ कैसे-कैसे मंज़र देखे... अपनों के हाथों में खंजर देखे उजड़ गए घोंसले परिंदों के वृक्षों में मगर हरियाली थी रोते देखा शाम को मैने आसमां पर छाई लाली थी रंग-बिरंगे मकानों को भी भीतर से पड़े खंडहर देखे क्या बताऊँ कैसे-कैसे मंज़र देखे... अपनों के हाथों में खंजर देखे क्या बताऊँ कैसे-कैसे मंज़र देखे अपनों के हाथों में खंजर देखे... #भुवनेश #yqbaba #yqhindi #yqdidi #yqbhaijan #yqaestheticthoughts #paidstory #life