अबसारों में उनके हंसी ख्वाबों की आराइश से शाद है हम, पर बिखर जाते हैं मेरे अरमां, उनकी उदास आंखों को देख कर। #amरोज़ी_संबरीया कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें। √आज का विषय है ' बिखरते मेरे अरमां ' । √ आज की हमारी ' मंच प्रमुख ' है shailzavarun Beniwal जी। √ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।