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मन बहुत भारी हो चला है अगर तुम्हारे नाजुक कंधे इसक

मन बहुत भारी हो चला है
अगर तुम्हारे नाजुक कंधे इसका भार उठा सके
तो ही तुम आना
अन्यथा रहने देना 
मुझे इस चिर प्रतीक्षा में
कि तुम जब आओगे
तुम्हारे कंधे पर सर रखने से
मेरा मन हल्का हो जाएगा
इंतजार की पीडा़ इतनी असह्य न होगी
जितना की तुम्हें बेकस देखना

©Ayushi Srivastava
  bas yunhi

bas yunhi #Poetry

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