वक़्त की सलाखों में कैद हुआ पंछी हूं उड़ने को आतुर पंख फड़फड़ाता परिंदा हूं ख्वाहिशों की जंजीरों में जकड़ा हुआ कब का खत्म हुआ फिर भी कहते ज़िंदा हूं ।। #parinda #वक़्त#ज़िंदा#nojotohindi