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भैरव साधन भैरव मन्त्र ॐ ह्रीं बटुकाय कष्टुद्धारण क

भैरव साधन
भैरव मन्त्र
ॐ ह्रीं बटुकाय कष्टुद्धारण कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं स्वाहा ।
भैरव साधन व्यास
ॐ ह्रीं अंगुष्ठाभ्यां नमः । ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां स्वाहा । ॐ ह्र
मध्यमाभ्यां वषट् । ॐ अनामिकाभ्यां वौषट् । ॐ ह्रों कनिष्ठका -
भ्यां हुम् । ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां फट् । ॐ ह्रां हृदयाय नमः ।
ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा । ॐ ह्रों कवचाय हुँ । ॐ ह्र नेत्रत्रयाय वौषट् ।
ॐ ह्रीँ कवचाय हुँ । ॐ ह्रः अस्त्राय फट् ।
इस विधि से न्यास करना चाहिये ।
भरव-ध्यान
न्यास के उपरान्त निम्नलिखित श्लोक से भैरव का ध्यान
करें ।
करकलितकपाल: कुंडली दण्डपारिण
स्तरुण तिमिर नीलो व्याल यज्ञोपवीतः ।
कृत समय सपर्य्याविघ्नविच्छेद हेतु
जयति बटुकनाथः सिद्धिदः साधकानाम् ।

©KhaultiSyahi
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