दुआ भी बेअसर अब रंज किस किस से करें वो चले हैं दुख समझने और मिटाने रिश्ता तो निभाते नहीं वो बात को जाने अनसुना कर आज फिर एतबारी कैसे करें #लोगनहींसमझते