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भारी है हर लम्हा हर वक्त बेकरारी है, अब न तुम्हारे

भारी है हर लम्हा हर वक्त बेकरारी है, अब न तुम्हारे आने की खबर न मौसम के बरसने की त्यारी है
ज़िमेदारी है इस ऋतु तुम्हारे मिलने आने की बारी है 
अब इंतजार उस मौसम का वा दस्तूर जारी है वो के जिस में बर्फ गिरे और तुम आओ बस ये चाह हमारी है

©Rajender
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#dryweather 
#Grayscale