Happy New Year चलो बुरे लोंगो को भी आज माफ कर ही देंते है, चलो जो हुआ-सो-हुआ उन गुजरे पलो को भी भूला ही देंते है, अब घरो के अखबार भी तो बदल ही रहें हो ना, चलो लगे हांथो वो पुराना कलैण्डर भी बदल ही देंते हैं।। Sayyeda shariyat kazmi