" मैं तुझे याद ना करूं, तो और क्या करूं" मेरी तक़दीर, ख़ुद बनाने वाले ने छीन ली मुझसे, ऐ मेरी जाने तमन्ना, मैं तुझे याद ना करूं, तो और क्या करूं। सांसों में महकती है , वही तेरी हिना की, आज भी ख़ुशबू,, विरह की आग में,जल जल के ना मरूँ ,तो और क्या करूं। ठुकरा दिया है सभी ने, ज़माने ने मुझे आज इस हालत में, होके मजबूर ज़िन्दगी से, मैं तुझे प्यार ना करूं ,तो और क्या करूं। ©Anuj Ray #loV€f मैं तुझे याद ना करूं तो और क्या करूं