मैं तो चाहतों की दुनिया बसाती थी। सबको खूब हसाती थी।। गमों ने ढूंढ ली मेरी बस्ती। वरना में भी रोज मुस्कराती थी।। जिस दिन गमों ने ढूंढ लिया मुझको। उस दिन मैंने खो दिया खुदको।। ©chahat गमों ने ढूंढ लिया मुझको