* वो सपने गुजर गए * एक ही पल में ढह गए वो सपने सारे गुजर गए जो देखे थे मैंने कल आज वो शमसान पहुंच गए हम ग़रीबी की चक्की में पिस रहे कहने को हम शान -ए- शौक़त में जी रहे पर हर रोज हम थोड़ा - थोड़ा मर रहे क्योंकि पापा के सपने धीरे धीरे शमसान पहुंच रहे #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkवोसपनेगुज़रगए