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ढल गयी शामें फिर तेरे इंतेज़ार में, तू फिर ना आया,

ढल गयी शामें फिर तेरे इंतेज़ार में,
तू फिर ना आया, रह गयी उदास मैं,
कल फिर खिलेगी मेरी सुबह तेरे इंतेज़ार में,
कि तू आयेगा एक दिन, बस इसी आश में।

©Alpana Sharma
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