.. .. महलों की भी उचित देखभाल ना की जाए उनके खंडहर बनते देर नहीं लगती फिर वह मरम्मत के परे हो जाते हैं... फिर दिल तो बहुत नाजुक-कोमल होते हैं, पता ही नहीं चलता कब "घर" वीरान-बर्बाद हो गए! 💔💔