मन अर्जुन से थे हमने दुर्योधन कर दिए विवेक कृष्ण थे वहां धृतराष्ट्र खड़े इस व्यूह को तोड़ना है अपने मन अर्जुन कर विवेक *कृष्ण* से जोड़ना है कोई द्वंद्व नहीं बचेगा डसने को।।