जहाँ के वो खट्टे बाजारों से मेरे लिए मीठीसी खुशिओं की दुकान खोज लाता हैं | आज वही दुकान से में लेके आयी हु तेरे लिए, तेरी खुशिओं की बहार | तु जो खुदा से मांगता है मेरी खुशियाँ सारी | करे खुदा, मील जाये तुजे वो ख्वाबों की दुनिया सारी | इसीलिए तेरी खुशिओं की संदूक की चाबी उनसे मांग लायी हु, और चाबी बन में ही चली आई हु, होठों की तेरी मुस्कान कम होने नहीं दूंगी | राखी का पूरा फर्ज़ तेरे जैसे में भी अदा करुँगी | Love u Bhai very happy rakhi all of u... happy rakhi to all...