चाय भी हमसे रूबरू हो गई अब तो बस उसका ही सहारा है। . . ज़ख्म भी ताजा हो गई अभी - अभी लगता है ये तरप - ए - शाम का इशारा है।। ...... गौरी #eveningtea Abhishek sharma🎶